सोनपुर में नमामि गंगे योजना से बना पुल घाट से काली घाट तक का सीढ़ी ध्वस्त–ठेकेदार एवं अधिकारियों के ईमानदारी की खुली पोल
1 min readसोनपुर में नमामि गंगे योजना से बना पुल घाट से काली घाट तक का सीढ़ी ध्वस्त–ठेकेदार एवं अधिकारियों के ईमानदारी की खुली पोल—रिपोर्ट- गोपाल सहनी,नयागांव
सोनपुर(सारण)—सारण जिले के सोनपुर के नारायणी नदी के पावन तट पर बसे हरिहर क्षेत्र की महिमा अपरंपार है। यहां के कंकर कंकर में शंकर का वास है। तभी तो गज ग्राह के भीषण युद्ध में गज के दर्द और व्याकुल पुकार पर स्वयं भगवान विष्णु गरुड़ पर सवार होकर आकाश मार्ग से हरिहर क्षेत्र पहुंचे थे। यहां गज की आकुलता – व्याकुलता देखकर ग्राह जो गज का पांव पकड़कर जल में डुबोकर मार देना चाहता था उसे कत्ल कर गज का भगवान विष्णु ने प्राण बचाया था । तभी से यह स्थल तीर्थस्थल बन गया।
विश्व का सबसे बड़ा पशु मेला इसी हरिहर क्षेत्र की पावन भूमि सोनपुर जहां बाबा हरिहरनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है आदि काल से लगता चला आ रहा है। इसी मेला के कारण पर्यटन विभाग का ध्यान इस क्षेत्र के प्रति गया और मेला को वर्ष 2012 से अपने अधीन कर जिला प्रशासन के सहयोग से लगाने लगा फिर पर्यटकों का आकर्षण भी क्षेत्र के प्रति बढ़ने लगा।
सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी के प्रयास से नमामि गंगे योजना के तहत करीब 2 वर्ष पूर्व से पुलघाट से कालीघाट तक आकर्षक और मजबूत सीढ़ी बनाने का काम शुरू हुआ। काम अभी सही ढंग से पूरा भी नहीं हुआ लेकिन बारिश पड़ने के साथ ही आकर्षक और मजबूत सीढ़ी बनाने का पोल खुल गया।संवेदकों द्वारा कार्य इतना घटिया किया गया है कि देखने वालों का खून खौल जा रहा है। दूर से घाट की सुंदरता पटना शहर तथा हाजीपुर शहर सहित अन्य जगह से सपरिवार लोग आकर कालीघाट तथा पुलघाट पर पहुंचकर घंटा दो घंटा बैठकर नारायणी नदी का जल क्रीड़ा, उछल कूद करते, छलांग लगाते डॉल्फिन तथा मछलियों को देखकर अघाते नहीं है।
इधर पुल घाट के निकट बना सीढ़ी मौतखाना बन गया है। थोड़ी चूक होने पर पर्यटक सीधे गंडक की तेज धार में सुरंग मार्ग होते सर्वदा के लिए विलुप्त हो जाएंगे। नया बना घाटों की बदतर स्थिति देखकर स्थानीय लोगों में संबंधित ठेकेदार, अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के प्रति काफी आक्रोश है।इसी बात को लेकर
सोनपुर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों की एक आवश्यक बैठक शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता एवं हरिहर क्षेत्र स्मृति मंजूषा प्रकाशन समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में नारायणी नदी के तट पर की गई। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि नमामि गंगे योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए की लागत पर जो घाटों का निर्माण हुआ इस पर उच्चस्तरीय जांच ईमानदार अधिकारी से कराया जाए तथा दोषी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए ।
सीढ़ी का वर्तमान स्थिति देखने वाले हर किसी के मन में आक्रोश का आग धधक उठता है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रथम बारिश से जिस प्रकार सीढ़ी के नीचे का सब बालू मिट्टी गंडक के गोद में चला गया यह प्रमाणित करता है कि नमामि गंगे योजना कार्य में करोड़ों रुपए का बंदरबांट किया गया होगा । बैठक में समाजसेवी सुधीर कुमार सिंह, कांग्रेसी रमाकांत सिंह, भाजपा नेता सुधीर कुमार सिंह उर्फ भोला, अरुण सिंह , लालबाबू सिंह, धनजय सिंह, आशु सिंह, कृष्णकांत सिंह, युवा जदयू नेता सह समाजसेवी प्रभात रंजन, सहित उपस्थित लोगों ने भारत और बिहार सरकार को हरिहर क्षेत्र सोनपुर में पुल घाट से कालीघाट तक बने सीढ़ी की घटिया कार्य के कारण ध्वस्त होने की ओर ध्यान आकृष्ट कर संबंधित ठेकेदार एजेंसी और अधिकारी पर मुकदमा करने की मांग की है।
बैठक में उपस्थित समाजसेवियों ने ऐलान किया कि हरिहरक्षेत्र की पहचान मिटाने, घटिया कार्य कर अपना तिजोरी भरने वालों पर अगर सरकार तथा उच्च अधिकारी करवाई नहीं करेंगे तो यहां की आम जनता सत्याग्रह, धरना प्रदर्शन आदि करने के लिए बाध्य हो जाएगी। धन्यवाद ज्ञापन में सुधीर कुमार सिंह टूटू ने कहा कि स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी इस नमामि गंगे योजना से पूरी तरह अवगत हैं तथा वे समय-समय पर यहां आते जाते रहते हैं शायद वर्तमान हालात को देखने के बाद उनका भी आक्रोश का शिकार ठेकेदार और अधिकारी हो सकता है।