रसोईया संघ ने बीआरसी पर धरना के माध्यम से अधिकारियों को सौंपा मांगपत्र
1 min readरसोईया संघ ने बीआरसी पर धरना के माध्यम से अधिकारियों को सौंपा मांगपत्र
*1650 में दम नहीं- 10 हजार रूपये से कम नहीं- प्रभात रंजन गुप्ता*
*12 महीने काम कराकर 10 महीने का वेतन देना अन्याय- सुरेंद्र प्रसाद सिंह*
*उच्चाधिकारियों से सकारात्मक वार्ता के बाद महीनाभर के लिए हड़ताल स्थगित- सुनीता देवी*
ताजपुर, समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट
ताजपुर / समस्तीपुर : – – –
30 नवंबर 2023
1650 को बढ़ाकर मानदेय 10 हजार रूपये करने, रसोईया को राज्यकर्मी का दर्जा देने, 10 माह के बजाये 12 माह का मानदेय देने, एनजीओ को एमडीएम से बाहर करने समेत 13 सूत्री मांगों को लेकर राज्यव्यापी अह्वान के तहत ताजपुर बीआरसी पर बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ, ऐक्टू के झंडे, बैनर तले बृहस्पतिवार को घरना- प्रदर्शन किया।
धरना की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष गिरजा देवी ने किया। संचालन सचिव प्रभात रंजन गुप्ता ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए रसोईया संघ के संरक्षक सह भाकपा माले प्रखण्ड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि रसोईया को विद्यालय में सिर्फ खाना बनाकर बच्चों को खिलाना है लेकिन रसोईया से विद्यालय का साफ- सफाई, झारु- पोछा, शौचालय में पानी तक डलवाया जाता है। यह अन्याय है। रसोईया की बहाली से विद्यालय में शिक्षा- व्यवस्था में सुधार हुआ है। रसोईया को सम्मानित करने के बजाय सरकार उसका हकमारी कर रही है। दूसरे राज्यों में सरकार रसोईया को कई प्रकार की सुविधाएं दे रही हैं। कहीं 5, कहीं 7 तो कहीं 9 हजार रूपये मानदेय 12 का 12 महीने दे रही है जबकि बिहार में मात्र 1650 रूपये मानदेय वह भी 12 महीने में 10 महीने का। अन्य अन्याय है और इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। सभा को सुनीता देवी, अनीता देवी, सुदामा देवी सावित्री देवी, ललिता देवी, चंद्रकला देवी, बेबी देवी, रामपरि देवी, उर्मिला देवी, कला देवी, पुतुल देवी, अजमेरी खातुन, विन्दु देवी आदि ने संबोधित किया।
मांगों से संबंधित स्मार-पत्र प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सौंपकर हटाये गये एवं मृत रसोईया के खाली पदों पर बहाली करने, बंचित रसोईया को नियुक्ति प्रमाण-पत्र देने की मांग की साथ ही पटना में उच्च अधिकारियों से सकारात्मक वार्ता के बाद हड़ताल को एक महीना के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
धरना समाप्ति के बाद रसोईया ने अपने मांगों को लेकर बाजार क्षेत्र में जुलूस निकालकर मांगों को पूरा करने अन्यथा आंदोलन तेज करने की चेतावनी सरकार को दिया।