बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण व बच्चों से छेड़छाड़ के विषय पर विद्यालय में हुई चर्चा
बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण व बच्चों से छेड़छाड़ के विषय पर विद्यालय में हुई चर्चा
समस्तीपुर(जकी अहमद)
प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों में आज सुरक्षित शनिवार के अवसर पर नोडल शिक्षकों द्वारा आपदा प्रबंधन के तहत बच्चों को बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण तथा बच्चों से छेड़छाड़ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजकीय मध्य विद्यालय रेबड़ा गोटियाही के बच्चों के बीच चर्चा करते हुए नोडल शिक्षक लाल बाबू ने कहा कि बाल विवाह एक अभिशाप है। यह सामाजिक कुरीति है। इसकी मान्यता न तो सामाजिक तौर पर है, न हीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही है और न हीं कानूनन वैध है। हमारे देश में कानूनी तौर पर लड़कियों के शादी के लिए कम से कम18 वर्ष की आयु और लड़कों के लिए कम से कम 21 वर्ष की आयु सीमा तय किया गया है। इससे कम आयु में शादी करना बाल विवाह के अंतर्गत आता है जो कि कानूनी तौर पर अपराध है। उन्होंने बाल अधिकार की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है। इसी परिप्रेक्ष में 6 से 14 अयुवर्ग के बच्चों के लिए सरकार ने मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सभी बच्चों के लिए मुफ्त में किताब, पोशाक, छात्रवृति, साईकिल के साथ साथ मध्याह्न भोजन की भी व्यवस्था की है, ताकि सभी बच्चे शिक्षा के अधिकार के तहत मुफ्त और अनिवार्य रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने बाल शोषण एवं छेड़छाड़ की चर्चा करते हुए बच्चों से कहा कि इसके विरुद्ध आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है, इसके लिए तैयारी जरूरी है।सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रखंड स्तर पर बाल कल्याण समिति का गठन किया है। अगर कहीं भी बच्चों को शोषण होता है तो उसपर ठोस करवाई की जाएगी। मौके पर प्रधानाध्यापक राकेश चंद्र अरुण, शिक्षक पंकज कुमार चौधरी, कैलाश सहनी, ज्ञान शंकर प्रसाद, रामविलास मांझी, नईमुन निशा, श्वेता कुमारी, ऋषि कुमार सहित अन्य शिक्षक एवं सैकड़ों बच्चे उपस्थित थे।