सीतामढ़ी में लैब टेक्नीशियन को मिला ट्रू नेट पर प्रशिक्षण
1 min readसीतामढ़ी में लैब टेक्नीशियन को मिला ट्रू नेट पर प्रशिक्षण
– सही इस्तेमाल से रिजल्ट में आएगी सटीकता
– टेस्ट के दौरान खुद को बचाना भी महत्वपूर्ण
सीतामढ़ी / 1 जून।
ट्रू नेट मशीन की उपयोगिता को सटीक और विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति के तरफ से पूरे राज्य के लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित किया गया। जिसमें राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ बीके मिश्रा सहित जिले के लैब टेक्नीशियन ने भी भाग लिया।
प्रशिक्षण के दौरान डॉ बीके मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में ट्रु नेट मशीन की महत्ता बढ़ गयी है। हम सभी जानते हैं कि आरटी पीसीआर की तरह इसकी सटीकता भी 90 प्रतिशत से ऊपर है। इसलिए इसके प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानी और महत्वपूर्ण हो जाती हैं ताकि कोई गलत रिपोर्ट इसके माध्यम से न आ जाए। वहीं बहुत से लैब टेक्नीशियन कोराना के जांच के समय संक्रमित भी हो जाते हैं। इसी सावधानी के ऊपर आज का यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मशीन के सरफेस को साफ करने का तरीका बताया
जिला सदर अस्पताल में लैब टेक्नीशियन इंचार्ज मो. शमीम आजाद ने बताया प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि हरेक टेस्ट के बाद मशीन के सतहों को साफ करना है। ऐसा नहीं करने से कभी- कभी पुराने सैंपल की वजह से नए सैंपल की रिपोर्ट भी पॉजिटीव हो जाती है। वहीं टेस्ट के समय पूरी सावधानी बरतने की भी बात बतायी गयी। प्रशिक्षण में यह स्पष्ट किया गया कि सुरक्षात्मक सभी किट पहनने होगें। तभी हम संक्रमण मुक्त और सही रिपोर्ट दे पाएगें। मो. शमीम ने बताया जिले में दो क्वाड्रो मशीन कोरोना के टेस्ट में लगे हुए हैं। जिससे लगभग प्रतिदिन 200 जांच हो सकती है। वहीं 2 मशीन नए खरीदे गए हैं, उसे इंस्टॉल कर लिया है बिजली मिलने पर उसे भी जांच के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा।
लैब टेक्नीशियन मो. शमीम के मुताबिक कोई भी वायरस शरीर में डीएनए व आरएनए पर अटैक करता है। सैंपल लेने के बाद उसकी सेल को ब्रेक किया जाता है। उस सेल को सर्च किया जाता है जहां वायरस का अटैक होता है। इसके बाद उस सेल के आसपास डीएनए व आरएनए की संख्या को बढ़ाकर अध्ययन किया जाता है। ट्रू नेट मशीन के द्वारा शरीर में वायरस की 0.01 प्रतिशत मात्रा को भी डिटेक्ट किया जा सकता है। प्रशिक्षण में मो. शमीम, अकाउंटेट राजीव रंजन, आशिफ आतिर, आशिफ आमिर, श्रीराम कुमार और साजिद शामिल थे।