शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों से लिया गया वापस, अब आयोग करेगा बहाल: मुख्यमंत्री
शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों से लिया गया वापस, अब आयोग करेगा बहाल: मुख्यमंत्री
रिपोर्ट:नसीम रब्बानी
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल ने राज्य में शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली पर आखिरकार मुहर लगा दी है। इसके साथ ही प्रदेश में तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सरकार शिक्षक नियुक्ति के लिए एक आयोग बनाएगी। नयी नियमावली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है।
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में हुई। नीतीश कैबिनेट की बैठक में 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली पर मुहर लगा दी गयी है। पिछले तीन महीने से शिक्षक नियुक्ति की नियमावली का मामला अटका पड़ा था। सरकार ने इस नयी नियमावली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया गया है। सरकार शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी जो शिक्षकों की नियुक्ति करेगा।
बिहार कैबिनेट ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। इस नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस ले लिया गया है। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की गयी है।
पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9,222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि नयी नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। सरकार नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी। अब अभ्यर्थियों को उसी आयोग में केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था।
सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में कई महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई है। अब इसी के आधार पर सातवें चरण में शिक्षकों की भर्ती होगी। नयी नियमावली में शिक्षकों के ट्रांसफर का भी प्रावधान किया गया है।
पुरानी नियुक्ति नियमावली में मेधा अंक की गणना नियोजन इकाई द्वारा मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के प्रतिशत एवं पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के वेटेज के आधार पर होती थी। नई नियमावली में भी लगभग वही व्यवस्था बनी रहेगी और मेधा अंक के आधार पर आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा।
पहले नियुक्ति के लिए चयन की अनुशंसा नियोजन इकाई करता था, परंतु नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति के लिए चयन की अनुशंसा प्रस्तावित आयोग करेगा। चयनित अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण जिला प्रशासन करेगा। केंद्रीयकृत और ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है। आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा। जबकि उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गए विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी। इससे आवेदकों के धन एवं श्रम की बचत भी होगी।
38 से 42 फीसदी हुआ डीएः बिहार सरकार ने सोमवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को खुशखबरी दी है। सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते यानी डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बिहार कैबिनेट की बैठक में सोमवार को बड़ा फैसला हुआ है। राज्य कर्मियों और पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2023 से 38% से बढ़ाकर 42% कर दिया गया है। बढ़े हुए महंगाई भत्ते के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
आपको बता दें राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को एक जनवरी, 2023 से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे पहले तक राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। कैबिनेट के इस फैसले का लाभ बिहार के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा। अप्रैल, 2023 के वेतन से बढ़े हुए महंगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा। हालांकि राज्य सरकार इस बढ़ोतरी पर सालाना करीब एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपये का वित्तीय भार वहन करेगी। फिलहाल बिहार के राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए ये किसी खुशखबरी से कम नहीं है।