शीन अख्तर एक प्रगतिशील जनवादी लेखक और यशस्वी कवि थे वहीं रेणु प्रकाश एक जुझारू कवित्री थीं।
1 min readशीन अख्तर एक प्रगतिशील जनवादी लेखक और यशस्वी कवि थे वहीं रेणु प्रकाश एक जुझारू कवित्री थीं: प्रो. रविभूषण रिपोर्ट : प्रो. मो. रिजवान झारखंड (रांची) जनवादी लेखक संघ झारखंड की ओर से आज प्रो शीन अख्तर और रेणु प्रकाश के साथ साथ उन सभी साहित्यकारों और कवियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिनकी मौतें अप्रैल से मई तक में करोना महामारी के कारण हो गई हैं।उन कवियों और साहित्यकारों में मोनाजिर आशिक हरगानवी,रमेश उपाध्याय, सुल्तान अख्तर,कृष्ण दत्त शर्मा,प्रो शमीम हनफी,अरविन्द कुमार, प्रो गिरधारीलाल गंझू, नईम मिरदाहा,मुशर्रफ आलम जौकी,रविन्द्र राज हंस,अंजुम उस्मानी,डाॅ राम सागर सिंह,रियाज़ अजीम आबादी,कवि विजेन्द्र,अंबर बहराइच,मंज़र एहतेशाम,बनराज भाटिया,ज़हीर कुरैशी,इप्टा के उमेश नज़ीर,प्रो मौला बख्श, प्रो मंजर अब्बास नक़वी, आदी को विशेष रूप से याद किया गया।
श्रद्धांजलि सभा के आरंभ में प्रो रविभूषण ने कहा कि शीन अख्तर एक प्रगतिशील जनवादी लेखक और यशस्वी कवि थे वहीं रेणु प्रकाश एक जुझारू कवित्री थीं।
अध्यक्षता:अपनी अध्यक्षीय संवेदना में प्रो विनोद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शीन अख्तर बहुआयामी प्रतिभा के व्यक्तित्व थे वहीं रेणु प्रकाश के यहां स्त्री विमर्श पर लिखी गई कविताओं में डरावनी और खौफनाक रातों का चित्रण मिलता है।प्रो विनोद कुमार ने कहा कि प्रो शीन अख्तर के व्यक्तित्व मे लेखक, चिंतक,शायर,और कुशल प्रशासक के असीम गुण थे और वो एक खुबसुरत दिल वाले इंसान थे।
इस अवसर पर नीलाम्बर-पिताम्बर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो फिरोज अहमद ने कहा कि प्रो शीन अख्तर के प्रशासनिक कार्यों में भी एक प्रकार से सृजनता होती थी।और रांची विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संरचना के विकास भी उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है।
पूर्व खेल सचिव और कथाकार रणेन्द्र कुमार ने कहा कि
शीन अख्तर और रेणु प्रकाश की लेखनी विचारधारा से प्रतिबद्ध होने के साथ साथ शैली और सौन्दर्य के स्तर पर भी अतुलनीय हैं।