राज्य सरकार अभी तक उर्दू टीईटी (उर्दू शिक्षक विशेष पात्रता परीक्षा) आयोजन कराने की ओर कोई कदम नहीं उठाई है
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राज्य सरकार अभी तक उर्दू टीईटी (उर्दू शिक्षक विशेष पात्रता परीक्षा) आयोजन कराने की ओर कोई कदम नहीं उठाई है।
रिपोर्ट:नसीम रब्बानी
वैशाली : राज्य के सरकारी विद्यालयों में सातवें चरण की शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू होने वाली है किंतु राज्य सरकार अभी तक उर्दू टीईटी (उर्दू शिक्षक विशेष पात्रता परीक्षा) आयोजन कराने की ओर कोई कदम नहीं उठाई है l उक्त बातें सफदर इरशाद, राज्य कार्यकारिणी सदस्य – ए. आई. एस. एफ. ने प्रेस रिलीज के माध्यम से कही l
सातवें चरण की शिक्षक भर्ती शुरू होने वाली है । लेकिन 2013 के बाद कोई उर्दू टीईटी अभी तक नही हुआ । लगभग हज़ारों उर्दू के पद खाली है। अगर स्पेशल उर्दू टीईटी नही लिया जाता है ओर सातवे चरण की बहाली करा दी जाती है तो अधिक संख्या में उर्दू पद खाली रह जायेंगे या निरस्त हो जायेंगे। ये महागठबंधन की सरकार से अपील है जल्द ही इस पे कोई ठोस निर्णय लें ।नही तो ये उर्दू के साथ घोर अन्याय होगा ।आप के शिक्षा मंत्री बराबर बयान देते हैं की हम स्पेशल उर्दू टीईटी लेंगे , लेकिन अब ऐसा लग रहा है आप के भी बातें मोदी की तरह जुमला ही है ।आप की कथनी और करनी में फर्क साफ दिख रहा है । अगर स्पेशल उर्दू टीईटी परीक्षा सातवें चरण से पहले नही लिया गया तो हम लोग यही मानेंगे की आप उर्दू को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं। हम आप की सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ेंगे ।आप एक तरफ अपलसंख्यक का वोट चाहते हैं दूसरी तरफ उर्दू की हत्या करना चाहते हैं। इस लिए हम मांग करते है जल्द ही उर्दू स्पेशल टीईटी का आयोजन करवाए ।हम आरजेडी जेडीयू के लोगो से भी अपील करते है की उर्दू की हत्या की साजिश के खिलाफ आवाज उठाएं l
श्री सफदर इरशाद ने कहा कि बिहार के सरकारी विद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर आज भी उर्दू शिक्षकों की भारी कमी है, पद खाली पड़े हैं l उर्दू भाषी अभ्यर्थी जो वर्षों से उर्दू टीईटी विशेष पत्रता परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं किंतु सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैl
विगत जनवरी माह में माननीय शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर द्वारा प्रेस बयान दिया गया था कि उर्दू टीईटी का आयोजन जल्द कराया जाएगा किंतु इस ओर अभी तक विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गयाl जबकि सातवें चरण शिक्षक बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई हैl
ऐसे में उर्दू भाषी अभ्यर्थी उक्त बहाली में उर्दू टीईटी के ना होने के कारण वंचित रह जाएंगे जो विशेषकर अल्पसंख्यक अभ्यर्थी के लिए घातक, निराशाजनक एवं घोर अन्याय होगाl
श्री सफ़दर इरशाद ने जल्द से जल्द बिहार सरकार से प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक के लिए उर्दू टीईटी (विशेष पात्रता परीक्षा) आयोजन कराने हेतु मांग किया अन्यथा उर्दू के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ सड़क से सदन तक की लड़ाई शुरू किया जायेगा l