राष्ट्रव्यापी आंदोलन के सातवें दिन किसान आंदोलन को समर्थन में उतरे छात्र,कोरोना को लेकर हाई लेवल मीटिंग में आईडीबीआई बैंक बेचने का फैसला शर्मनाक।
1 min readराष्ट्रव्यापी आंदोलन के सातवें दिन किसान आंदोलन को समर्थन में उतरे छात्र,कोरोना को लेकर हाई लेवल मीटिंग में आईडीबीआई बैंक बेचने का फैसला शर्मनाक।
पटना,7 मई,2021:-
ऑल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन (AISF) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर चल रहे प्रोटेस्ट के अंतिम एवं सातवें दिन किसान आंदोलन के समर्थन में विभिन्न जिलों में छात्र उतरे। इन सात दिनों में छात्रों ने घरों से हीं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रतिरोध में शामिल हुए।
पांच माह से किसान आंदोलन पर मोदी सरकार शर्म करो, महामारी के वक़्त में भी कोरोना की हाईलेवल मीटिंग में आईडीबीआई बैंक बेचने वाली सरकार डूब मरो,अन्नदाताओं पर कहर बरपाने वाली सरकार मुर्दाबाद,बीजेपी तेरे राज में देश के अंदर बॉर्डर दिखा,तीनों काले कृषि कानून वापस लो,देश को अशांत करने वाली अहंकारी सरकार गद्दी छोड़ो आदि नारे पोस्टरों पर लिखे हुए थे।
इस दौरान एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि अन्नदाता किसान पांच माह से आंदोलन पर हैं। किसानों की लड़ाई कॉरपोरेट के खूनी पंजों से खेती बचाने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि इस आपदा के वक़्त में भी सरकार कोरोना को लेकर बुलाई गई मंत्रिपरिषद की हाई लेवल मीटिंग में आईडीबीआई बैंक को बेचने का फैसला लिया है। जो साबित करता है कि इतने बुरे वक़्त में भी सरकार केवल बड़े पूंजीपतियों के लिए हीं नतमस्तक है। एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष अमीन हमज़ा ने कहा कि पहले दिन से हीं एआईएसएफ के साथी किसान आंदोलन में डटे हुए हैं।किसानों की लड़ाई आने वाले दिनों में जन-जन की लड़ाई बनेगी। खेतों में किसानों और बॉर्डर पर किसानों के बेटों-जवानों को शहीद होने को विवश करने वाली बीजेपी की अहंकारी एवं जुल्मी सरकार ने अब देश के अंदर जगह-जगह पर बॉर्डर बनाकर किसानों और उनके बेटों को आमने-सामने कर दिया है। किसानों की जीत एवं बीजेपी की हार देश का आवाम आने वाले दिनों में तय करेगा।एआईएसएफ के राज्य सचिव रंजीत पंडित ने कहा कि इन सात दिनों में एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद के फैसले के अनुसार बिहार में भी शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार, किसान आंदोलन एवं बिभिन्न आंदोलनों पर दमन के सवाल उठाए गए। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अपने घरों से प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया है। उन्होंने विगत 15मई को खगड़िया से शिक्षा एवं छात्रों के सवाल पर आवाज उठाने के दौरान गिरफ्तार एआईएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष रजनीकांत कुमार एवं दो शिक्षकों को बिना शर्त रिहा करने की माँग दुहराई।