मिशन इंद्रधनुष से बच्चों को मिल रही वैक्सीन की बूस्टर डोज – जिले के 60 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत टीकाकरण जारी
1 min readमिशन इंद्रधनुष से बच्चों को मिल रही वैक्सीन की बूस्टर डोज
– जिले के 60 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत टीकाकरण जारी
शिवहर। 11 मार्च
बच्चों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के लिए जिला में मिशन इंद्रधनुष अभियान जारी है। जिले के 60 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत टीकाकरण चल रहा है। 18 मार्च तक चलने वाले इस अभियान के तहत नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है। इस विशेष अभियान से बच्चों में होने वाली बीमारियों के वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि इस अभियान में एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। सीएस ने सुदूर ग्रामीण इलाकों पर खास नजर रखने का निर्देश दिया है। वहीं सभी पीएचसी प्रभारियों को अभियान की मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया गया है। कहा कि, जिले में टीकाकरण 80 फीसदी है। मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत इसे कम से कम 95 फीसद तक ले जाना है। उन्होंने चिकित्सा अधिकारी, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि और कर्मियों को मिशन मोड में काम करते हुए अभियान को सफल बनाने की अपील की।
शिवहर सहित नौ जिलों में अभियान
शिवहर समेत राज्य के नौ जिलों में मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम चल रहा है। जिसके तहत बच्चों का नियमित टीकाकरण अभियान चलाए जाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष विशेष टारगेट पर काम कर रहा है। यह ऐसे क्षेत्रों में कारगर होगा, जहां नियमित टीकाकरण नहीं होता है। इसमें उन गांव और टोलों को प्राथमिकता दी जा रही, जहां नियमित टीकाकरण नहीं हुआ है।
इसलिए है विशेष मिशन
भारत में मिशन के तहत ‘टीकाकरण कार्यक्रम’ की शुरुआत वर्ष 1985 में चरणबद्ध तरीके से की गई थी, जो कि विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक था। इसका उद्देश्य देश के सभी जिलों को 90% तक पूर्ण प्रतिरक्षण प्रदान करना था। लेकिन इस मंशा में बाधा आई है, जिससे वैक्सीनेशन का प्रतिशत कम हुआ है। नतीजा केवल 65 से 70 % बच्चों को उनके जीवन के प्रथम वर्ष में होने वाले रोगों से पूरी तरह से सुरक्षित करा पाया गया। इस कारण से ही 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत हुई। इसका असर भी व्यापक तौर पर देखने को मिला।
मिशन इंद्रधनुष 7 बीमारियों से बचाने में सहायक
मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियो माइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा से पीड़ित होने की संभावना कम होगी। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
2014 से चल रहा है अभियान
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी। मिशन इंद्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो टीकाकरण का कवरेज अधिक करने के लिए चिह्नित जिलों में चलाया जाता है।