मातृत्व दिवस पर सभी माताओं को कोटि-कोटि प्रणाम।
1 min readमातृत्व दिवस पर सभी माताओं को कोटि-कोटि प्रणाम।
महुआ। नवनीत कुमार
कहा गया है मां की ममता वह अमूल्य वस्तु है जो बगैर मांगे और बगैर मूल्य के मिलती हैं। वो मां जो स्वयं को गिले में सोकर अपनी आंचल तले बच्चों को सुलाती है। पूस माघ की ठंड में जब बच्चे विस्तर पर लधुशंका कर गिले कर देते हैं तो मा कभी गुस्से में नहीं आती और स्वयं को जगह बदल कर बच्चे को फिर सूखे बिछावन पर सुलाती है।
मां की ममता के आगे सारे कुछ फीके पड़ जाते हैं। चोट बच्चे को लगता है तो दर्द मा को होती है। मां वह है जो बच्चे को खिलाने के बाद भी कहती है कि उसका बेटा कुछ नहीं खाया है। वह बच्चे को खिलाते वक्त तोता मैना कहकर खिलाती है। मां वो है जो चाहती है कि उसके बच्चे का सारा दुख उस पर आ जाए।
माधव ने गोपियों से एक सवाल किया था। उन्होंने गोपियों से कहा कि तुम सभी कृष्ण को इतना चाहती हो और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हो। वह तो तुम लोगों को हमेशा दुख देते रहता है। इस पर गोपियों ने जवाब दिया था। हर महिला को बच्चे को जन्म देते वक्त जीवन मौत से जूझना पड़ता है। यह दर्द असहनीय होती है। फिर क्या वह दूसरे बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती है।
{https://youtu.be/WpP3dYhe6ww}
आज 8 मई को हम सभी मातृत्व दिवस मना रहे हैं। उन माताओं की ममता को प्रणाम है। जिनकी ममत्व के आगे दुनिया की हर वस्तु फीकी पड़ जाती है। मां की ममत्व का कीमत कभी चुकाया नहीं जा सकता और ना हम उसके एहसानमंद हो सकते हैं।मां की ममता को एहसास करने की जरूरत है।