लू से खुद भी बचें और बच्चों को भी बचाएं – बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत – गर्मी में बाहर निकलने से पहले खुद को करें हाइड्रेट
1 min readलू से खुद भी बचें और बच्चों को भी बचाएं
– बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत
– गर्मी में बाहर निकलने से पहले खुद को करें हाइड्रेट
मुजफ्फरपुर, 13 अप्रैल।
गर्मी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। ऊपर से गर्म पछुआ हवा से लू जैसी स्थिति भी बन रही है। ऐसी विषम परिस्थिति के कारण आम लोगों में हीट स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी का कहना है लू जैसी स्थिति में सावधान रहने की जरूरत है। ज्यादा जरूरी काम हो तभी बाहर निकलें। सुबह 10 बजे से 5 बजे के बीच गर्म हवाओं की स्थिति ज्यादा रहती है। उस दौरान कम अनावश्यक यात्रा करने से बचें। लू लगने के लक्षणों में सिरदर्द, थकावट, तेज बुखार और बेहोशी भी आ सकती है। मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है। उल्टी या दस्त भी होती है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण है तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर चिकित्सकीय सलाह जरूर लें। गर्मियों के दिनों में खुद को हाइड्रेट रखें। गर्मियों में मट्ठा , फलों का जूस, आमपन्ना पीयें ।
गर्मी यानि चमकी को भी न्यौता
सिविल सर्जन कहते हैं कि चमकी का संबंध गर्मी से भी है। प्राय: यह देखा जाता है कि मलीन बस्तियों के बच्चे अधिकतर बच्चे गर्मी में नंगे होकर धूप में खेलते हैं और रात का भोजन भूल जाते हैं। इससे सुबह होते -होते उनके शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है जिससे उसे चमकी आने लगती है। इसलिए गर्मी के दिनों में चमकी से बचने के लिए भी बच्चों को धूप में जाने से मना करें। रात में उसे भरपेट खाना दें। शाम को अगर बच्चा सुस्ती दिखाए तो तत्काल उसे पीएचसी में ले जाएं। खाने में मीठा जरूर दें। चमकी से बचाने के लिए रोज सुबह खुद बच्चों को उठाएं।
लू से बचने के लिए क्या करें
तापमान अधिक होने पर धूप में लंबे समय तक रहने से बचें। यदि आपको बाहर जाने की जरूरत है तो छतरी का उपयोग करें। गर्मी के अवशोषण से बचने के लिए हल्के सूती कपड़े पहनें।
सुनिश्चित करें कि आप गर्मी में बाहर निकलने से पहले ठीक से हाइड्रेटेड हैं। गर्मियों में पानी की जरूरत सर्दियों के मुकाबले 500 मिलीलीटर अधिक है। समर ड्रिंक्स को ताजा और ठंडा होना चाहिए जैसे कि पन्ना, खसखस, गुलाब जल, नींबू पानी, बेल शरबत और सत्तू का शर्बत आदि।
किसी भी पेय में 10 प्रतिशत से अधिक चीनी होने पर वो सॉफ्ट ड्रिंक बन जाता है और उससे बचना चाहिए। आदर्श रूप से, चीनी, गुड़ या खांड का प्रतिशत 3 होना चाहिए, जोकि ओरल रिहाइड्रेशन ड्रिंक में होता है।
8 घंटे में कम से कम एक बार मूत्र आने का मतलब है कि हाइड्रेशन ठीक से हो रहा है। यदि आप गर्मी में ऐंठन महसूस करते हैं, तो चीनी और नमक के साथ नींबू-पानी खूब पीएं।