निश्चित अंतराल पर हो बुखार तो जरूर कराएं मलेरिया की जांच: डॉ एसपी सिंह
1 min readनिश्चित अंतराल पर हो बुखार तो जरूर कराएं मलेरिया की जांच: डॉ एसपी सिंह
– सदर अस्पताल में विश्व मलेरिया दिवस पर कार्यशाला का आयोजन
– तेज बुखार के साथ पसीना आना मलेरिया के लक्षण
वैशाली, 25 अप्रैल।
मलेरिया मच्छर जनित रोग है। इसमें रोगी को सर्दी, सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार आता है। इसमें बुखार कभी कम हो जाता तो दुबारा आ जाता है। गंभीर मामलों में रोगी कोमा में चला जाता है या उसकी मृत्यु तक हो जाती है। ये बातें जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने विश्व मलेरिया दिवस की अध्यक्षता करते हुए सोमवार को सदर अस्पताल में कही। उन्होंने कहा कि मलेरिया मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। यदि हम अपने आस-पास मानी नहीं जमा होने दें तो ये मच्छर पैदा ही नहीं होंगे। इनसे बचाव के लिए मच्छरदानी तथा एंटी लार्वा का छिड़काव करें।
सरकारी अस्पतालों में हैं जांच व उपचार की व्यवस्था:
कार्यशाला में डॉ सिंह ने कहा कि जिले के प्रत्येक प्रखंड में मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा बिल्कुल ही निःशुल्क उपलब्ध है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया किट के द्वारा इस बीमारी की जांच की जाती है। अगर किसी को मलेरिया के लक्षण दिखे तो जांच हेतु नजदीकी पीएचसी पर मरीज को जरूर ले जाएं।
जून में मनेगा मलेरिया माह :
डॉ सिंह ने कहा कि जून माह को मलेरिया माह के नाम से मनाया जाता है। इस माह के दौरान सभी आशा, एएनएम के द्वारा मलेरिया पर लोगों को जानकारी दी जाएगी। इस बीमारी के लक्षणों को बताया जाएगा। वहीं इनसे बचाव संबंधी भी जानकारी लोगों के बीच फैलायी जाएगी। अभी सभी प्रखंडों में मलेरिया को लेकर हैंडबिल, पोस्टर और आवश्यक आईईसी मैटेरियल दी गयी है। सरकारी अस्पतालों में बैनर तथा फ्लैक्स भी लगाए गए हैं। मौके पर भीडीसीओ केयर डीपीओ सोमनाथ, राजीव, प्रीति, भीबीडी सलाहकार धीरेंद्र कुमार, सीडीओ डॉ श्यामनंदन एवं अन्य फाइलेरिया एवं दूसरे विभाग के कर्मी मौजूद थे।
मलेरिया से बचाव की बातें:
– मलेरिया से बचाव के लिए घर एवं घर के आस -पास बने गड्ढों, नालियों, बेकार पड़े खाली डब्बों , पानी की टंकियों , गमलों, ट्यूब में पानी एकत्रित न होने दें।
– जमे हुए पानी में मिट्टी तेल की कुछ बूंदे अवश्य डालें
– सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने वाली क्रीम या अगरबत्ती का प्रयोग करें।
– मलेरिया से बचाव हेतु डीडीटी या सिंथेटिक पॉयराथॉयरायड छिड़काव में छिड़काव कर्मियों को सहयोग प्रदान करें।