कोरोना जांच के लिए ओपीडी में मरीजों की हो रही काउंसिलिंग
1 min readकोरोना जांच के लिए ओपीडी में मरीजों की हो रही काउंसिलिंग
– ओपीडी में सभी मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य नहीं
– अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी नहीं पड़ रहा असर
सीतामढ़ी,7 अप्रैल ।
कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ओपीडी सहित अन्य विभागों में कोरोना के सरकारी गाइडलाइन के तहत इलाज कर रहा है। इसमें चिकित्सक मास्क तथा ग्लब्स पहन कर कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे है। इस बात की जानकारी सिविल सर्जन डॉ सतीश चंद्र सहाय वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कोविड संक्रमण के फैलाव को देखते हुए हमलोगों ने हरेक अस्पताल को आदेश दिया है कि उपचार के क्रम में कोविड के मानकों का पालन जरूर करें। सीएस के आदेश का पालन भी डीएच से लेकर पीएचसी तक हो रहा है। ओपीडी में प्राय: यह देखा गया है कि कुछ ज्यादा ही भीड़ होती है। ऐसे में यहां इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है कि कोविड के मानकों का पालन हो।
कोरोना टेस्ट को की जा रही काउंसलिंग –
सिविल सर्जन डॉ सतीश चंद्र सहाय वर्मा ने कहा लोगों के बीच एक भ्रम की स्थिति उतपन्न हो गयी है कि चिकित्सक इस समय फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं करते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। डुमरा से सदर अस्पताल इलाज कराने आए विकास ने कहा कि मुझे पेट दर्द की शिकायत थी। ओपीडी में इलाज के दौरान मेरा फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ है। वहीं बेलसंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने कहा ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ओपीडी में आने वाले हर लोग को कोविड की जांच आवश्यक है। हमारे डॉक्टर लोगों की काउंसिलिंग करते हैं कि अगर आपमें कोरोना के किसी तरह का लक्षण है तो आप एक बार अवश्य जांच करा -लें। ऐसा कर हम संक्रमण की कड़ी को तोड़ने का भी प्रयास करते हैं। जांच के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर आवश्यक है।
कोरोना को हराने में मिलकर काम करना होगा-
केयर डीटीएल मानस कुमार ने कहा कि कोरोना को हराने में सरकार का साथ आम लोगो को भी देना होगा। अभी संक्रमण का प्रसार काफी तेज है। ऐसे में कोरोना के अनुरूप नियमों का पालन करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। हमें भीड़ -भाड़ से बच कर रहना होगा। नियमित मास्क का उपयोग तथा शारीरिक दूरी का पालन भी करना