जीएनएम व एएनएम का नियमित टीकाकरण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
1 min readजीएनएम व एएनएम का नियमित टीकाकरण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
– आईएमए हॉल में स्वास्थ्य अधिकरियों द्वारा दी गई ट्रेनिंग
– नियमित टीकाकरण के बारे में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां
मोतिहारी, 23 मार्च । मोतिहारी के आईएमए हॉल में जीएनएम, एएनएम, स्टाफ़ नर्स का नियमित टीकाकरण से संबंधित विषयों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार द्वारा नियमित टीकाकरण से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस प्रशिक्षण में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा, डॉ सुनील कुमार, डॉ राजेश कुमार द्वारा जीएनएम ,एएनएम स्टाफ नर्सों को टीकाकरण के महत्वपूर्ण विषयों के सम्बंध में प्रशिक्षित किया गया।
मौके पर डीआईओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि नवजात शिशुओं के साथ विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों का नियमित टीकाकरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जिसके लिए जीएनएम, एएनएम को पूरी तरह से प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है। ताकि वे टीकाकरण को स्वास्थ्य केंद्र पर आए बच्चों के स्वास्थ्य का सही मूल्यांकन के साथ उनका टीकाकरण करें। साथ ही बच्चों की कोई तकलीफ़ देख उन्हें उनके माता -पिता को जानकारी देते हुए, बच्चों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करवा सकें। बच्चों की सामान्य, या गम्भीर रोगों व उसके लक्ष्णों की पहचान कर सकें। नए, नए, उपकरणों के साथ उम्र अनुसार दिए जाने वाले टीका की पूरी जानकारी व सावधानी रखें।
नियमित टीकाकरण के बारे में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां:
सीएस ने बताया कि नर्स, लोगों को स्वस्थ्य और रोगमुक्त रहने में टीकाकरण द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि वे
स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सही तरीके से बच्चों व लोगों को टीका दे सकें। योग्य नर्सें लोगों को टीकों के महत्व के बारे में भी शिक्षित करती हैं। प्रशिक्षित नर्स विभिन्न बीमारियों के लिए टीकाकरण देने में कुशल होती हैं, जैसे कि हेपेटाइटिस, टाइफायड, निमोनिया और कई अन्य बीमारियां। वे ध्यान रखती हैं कि संबंधित व्यक्ति बिना किसी असुविधा के उचित रूप से टीकाकरण प्राप्त करता है। इसके अलावा, देखभाल करने वाली नर्सें सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को टीकाकरण प्रदान करने में सहायक होती हैं।
मुख्य भूमिका निभाती है नर्स:
सीएस ने बताया कि रोगी की स्थिति का आकलन करना, मरीजों की देखभाल के लिए योजनाएं बनाना, रोगियों का निरीक्षण करना, टिप्पणियों को रिकॉर्ड करना, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ परामर्श करना, चिकित्सा उपकरणों का संचालन और निगरानी करने, संस्थागत प्रसव में भी उनकी मुख्य भूमिका होती है।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार,जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरद चंद्र शर्मा, डॉ सुनील कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ धर्मेंद्र कुमार यूनिसेफ, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, स्वास्थ्य प्रशिक्षक क्षेत्रीय वैक्सीन कोल्ड चेन हैंडलर समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम, जीएनएम, नर्स उपस्थित थी।