March 23, 2022

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विश्व यक्ष्मा दिवस पर आज जीएनएम हॉस्टल में होगी कार्यशाला 

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विश्व यक्ष्मा दिवस पर आज जीएनएम हॉस्टल में होगी कार्यशाला

– जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाना है लक्ष्य
– सरकारी स्तर पर निःशुल्क  होती टीबी मरीजों की जाँच एवं उपचार
– टीबी के बीमारी से बचाव को किया जाएगा जागरूक
रिपोर्ट नसीम रब्बानी
मोतिहारी, 23 मार्च । जिले में गुरुवार को विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मोतिहारी के जीएनएम हॉस्टल में  एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सिविल सर्जन व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी भाग लेंगे।  इस दौरान चिकित्साकर्मी लोगों को टीबी की बीमारी से बचाव हेतु जागरूक करके इसके इलाज के विषय में विस्तार से चर्चा करेंगे।

2025 तक टीबी मुक्त जिला बनाना है लक्ष्य-
सीएस डॉ अंजनी कुमार ने कहा कि जिले को 2025 तक टीबी मुक्त जिला बनाना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसको लेकर जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में समय-समय पर प्रचार प्रसार किया जाता है । साथ ही इसके इलाज व सावधानियां बरतने के बारे में लोगों को लाउडस्पीकर, हैंडबिल के माध्यम से  संदेश दिया जाता है। ताकि लोगों को टीबी जैसी बीमारी के बारे में जानकारी उपलब्ध हो और लोगों को इसके लक्षण मिलने पर सही समय पर उनका इलाज हो सके।

प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों पर है टीबी की जांच व इलाज की सुविधाएं:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में टीबी की जांच, इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं । वहीं केंद्रों पर मुफ्त में टीबी के मरीजों को दवाएं भी दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले की अपेक्षा जिले में टीबी के मरीजों में कमी आई है। लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता भी फैली है । उन्होंने बताया कि कभी-कभी टीबी के शरीर पर अन्य लक्षण भी नजर आते हैं, जैसे बलगम कफ़, वजन घटना, रात में पसीने होना भी होता है । वहीं उन्होंने बताया कि बलगम की सीबीनॉट से जांच की जाती है। जो मरीज पहले से दवा खाए रहते हैं उनकी बलगम की जांच होती है । वहीं यह बीमारी शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है जैसे छाती, फेफड़ों, गर्दन, पेट आदि । टीबी का सही समय पर इलाज कराना चाहिए यह बहुत ही आवश्यक है।

निक्षय योजना का मिलता है लाभ:
सदर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि निक्षय योजना के तहत प्रत्येक टीबी मरीज को पूरे इलाज के दौरान 500 रुपये दिए जाते हैं । ताकि वह अपने पोषण की जरूरतों को पूरा कर सके। यह राशि सीधे टीबी मरीजों के बैंक खाते में जाती है जो कि बिल्कुल ही पारदर्शी व्यवस्था से गुजरता है।

जिले के सरकारी एवं प्राइवेट क्लीनिक पर भी होता है टीबी का इलाज:
एक्सरे टेक्नीशियन ललित कुमार, सुपरवाइजर मुख्यालय नागेश्वर सिंह, अरविंद कुमार ने बताया कि टीबी का इलाज जिले में सरकारी एवं प्राइवेट क्लीनिक पर भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी से 25 फरवरी तक जिले में सरकारी अस्पतालों में 339 मरीज एवं प्राइवेट अस्पतालों में 322 मरीज इलाज करा रहे हैं।

टीबी का इलाज संभव है, जाँच जरूर कराएं:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी रंजीत राय ने कहा कि टीबी का इलाज संभव है। इससे न घबराएं । जाँच जरूर कराएं। उन्होंने बताया कि समय-समय पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में टीबी बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता का आयोजन भी किया जाता है।

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