महुआ के नारायणपुर बुजुर्ग पैक्स भवन पर विभिन्न फसलों के साथ बागवानी के रखरखाव से अवगत हुए किसान
महुआ के नारायणपुर बुजुर्ग पैक्स भवन पर विभिन्न फसलों के साथ बागवानी के रखरखाव से अवगत हुए किसान
हाजीपुर नवनीत कुमार
जिले के महुआ नारायणपुर बुजुर्ग में किसानों को सहकार से समृद्धि विषय पर कार्यक्र कर उन्हें विशेष जानकारी दी गई। सहकारी खेती के बारे में भी उन्हें बताया।
यहां पंचायत स्तरीय सहकार से समृद्धि तक पर एक दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सहयोगात्मक भूमिका निभाने और कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने को कहा। लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर से आए वरीय वैज्ञानिक डॉ संजय सिंह ने कहा कि किसान एक दूसरे को सहयोग कर कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। सहयोगात्मक भूमिका निभाकर ही एक दूसरे को आगे की ओर बढ़ाने का काम किया जा सकता है जिससे समाज समृद्धि की ओर बढ़ेगा। उन्होंने किसानों को विभिन्न फसलों के बारे में जानकारी दी। आम, लीची उत्पादन के साथ बटेर पालन, मशरूम उत्पादन से लाभ, बागवानी आदि के बारे में बताया। साथ ही सहकार से नीलगायों से समाधान के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने किसानों के लिए आतंक बने नीलगाय की समस्या को दूर करने के लिए सहकार पर बल दिया। पैक्स अध्यक्ष सह समाजसेवी प्रशांत कुमार अंशु के संचालन में इस कार्यक्रम को योजना पदाधिकारी राजेश कुमार, परियोजना कर्मी प्रकाश झा, विजय कुमार तिवारी, दिनेश मोहन भारद्वाज आदि ने भी किसानों को जैविक और सहकारी खेती के बारे में जानकारी दी। इस किसान के कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित जिला पार्षद गुंजा कुमारी के पति व भाजपा के जिला उपाध्यक्ष कुमार सौरभ ने भी अपनी बातों को रखा। उन्होंने कहा कि किसान सहकारी खेती से आगे बढ़ सकते हैं। कुमार सौरभ ने कहा कि किसान को समृद्धि की ओर आगे लाकर ही विकास की बात की जा सकती है। यहां किसानों को आम, लीची, अमरूद, केला आदि उत्पादन के साथ बटेर पालन, मशरूम उत्पादन से संबंधित विशेष जानकारी दी गई। किसानों ने भी कृषि विशेषज्ञों से अपने सवाल किए और उनसे उसका समाधान पाया। यहां किसानों ने कहा कि खासकर सीपिया किस्म के आम लुप्त होती जा रही है। पपीता की खेती को विलुप्त होने को भी बताया। इसके साथ ही विभिन्न किस्म के आगात से लेकर पछात आम के बारे में भी जानकारी दी गई। फसलों और बगीचों में कीड़ों से बचाव के लिए दवाओं के छिड़काव और जड़ों में दवा देने को भी बताया गया।