125 वीं पुण्यतिथि परश्रद्धा पूर्वक याद की गई भारतवर्ष की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले। रिपोर्ट सुधीर मालाकार । महुआ ( वैशाली) भारतवर्ष की प्रथम महिला शिक्षिका ,नारी शिक्षा के जन्मदाता माता सावित्रीबाई फुले की 125 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धापूर्वक याद की गई। पुण्यतिथि समारोह प्रखंड क्षेत्र के समसपुरा गांव स्थित ज्योतिराव फुले परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुधीर मालाकार के आवासीय परिसर में आयोजित की गई ।सावित्री बाई फुले के अनुयायियों ने श्रद्धा पूर्वक पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित की ।समारोह में वक्ताओं ने कहा कि भारतवर्ष में रूढ़िवादी व्यवस्था के कारण नारियों के शिक्षा प्राप्त करना अपराध माना जाता था ,वैसे परिस्थिति में भारतीय सामाजिक क्रांति के अग्रदूत ज्योतिबा फुले ने अपने अनपढ़ धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले को शिक्षित कर सर्वप्रथम लड़कियों के लिए पाठशाला की स्थापना की और उसने पढ़ाने के लिए सावित्री फुले को प्रथम शिक्षिका के रूप में नियुक्त किया । हालांकि उस समय के तथाकथित रूढ़िवादी व्यवस्था के पोषको ने सावित्री बाई फुले का घोर विरोध किया। विद्यालय जाते समय उनके ऊपर धूल, कीचड़ यहां तक की गंदे वस्तुओं को भी उनके शरीर पर फेका जाता था फिर भी सावित्री बाई फुले ने कभी किसी से शिकायत नहीं की ।अपने लगन और परिश्रम के बल पर स्त्रियों में शिक्षा की अलख जगाने का कार्य किया। जिसके लिए आज पूरा भारत वर्ष की स्त्रियां ,माता सावित्री बाई फुले की ऋणी है। भारत सरकार से फुले दंपत्ति को भारत रत्न देने की मांग की गई। समारोह में भाग लेने वालों में रश्मि प्रिया, प्रेम शरण ,स्वाति सलोनी, आयुषी सलोनी, वैभव, नितिन, प्रियांशु ,सुधांशु ,आकांक्षा, सुहानी, रिया,रूही सहित अन्य लोग उपस्थित थे। दूसरी तरफ गोरौल प्रखंड के मोहम्मदपुर दरिया ग्राम में ज्योतिराव फुले परिषद के जिला अध्यक्ष चंदेश्वर भगत के नेतृत्व में माता सावित्री फुले की पुण्यतिथि मनाने की समाचार है ।इस मौके पर जिला महामंत्री चूल्हाई प्रसाद भक्त, सुरेंद्र भगत, अशोक भगत सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।