नेपाल की मस्जिदों में बनाए दरगाह आला हज़रत जैसे गुंबद।
1 min readनेपाल की मस्जिदों में बनाए
दरगाह आला हज़रत जैसे गुंबद।
पड़ोसी देश के दौरे पर गया है बरेली से मुफ़्तियों का प्रतिनिधिमंडल।
नेपाल के उलमा को दिया दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां का पैग़ाम
मस्जिदों-मदरसों में जाकर लिया मसलके आला हज़रत का जायज़ा।
नेपाल में मौजूद हैं मुफ़स्सिर-ए-आज़म इब्राहीम रज़ा खां की यादें।
मुसलमानों के बीच जाकर तालीम पर दिया ज़ोर।
बरेली, उत्तर प्रदेश।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाहे आला हज़रत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खां सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी अहसन मियां ने मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम के उस्ताद मुफ़्ती मुहम्मद सलीम नूरी और मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी को नेपाल के दौरे पर भेजा है. मुफ़्तियाने कराम का यह प्रतिनिधमंडल बिहार में दरभंगा बिहार होता हुआ सनवरसा बार्डर के रास्ते नेपाल में दाख़िल हुआ. दरभंगा एयरपोर्ट में आफीसर जितेंद्र झा ने ख़ैरमक़दम किया. प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल में तीन दिन के दौरान मलंगवा, सरलाही इत्यादि में मस्जिदों, मदरसों को देखा. बड़ी संख्या में वहां लोगों से मुलाक़ात की. मुफ़्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने बताया कि मस्जिदों में दरगाह आला हज़रत जैसे गुंबद देखकर बेहद ख़ुशी हासिल हुई. उस मदरसा जीलानिया को भी देखा जिसकी स्थापना में आला हज़रत के पोते और सुबहानी मियॉ के दादा मौलाना मुफ्ती इब्राहीम रज़ा खां मुफ़स्सिर-ए-आज़म का रोल रहा था. इस मदरसे में जलसे के दौरान आला हज़रत की तालीमी ख़िदमात पर तफ़सील के साथ चर्चा भी हुई।
यहां सुबहानी मियॉ साहब के वालिदे मोहतरम हज़रत रैहाने मिल्लत की भी बहुत सी यादगारों को भी देखा और सब की तफसीलात नोट कीं।