सभी धर्म-सम्प्रदाय के लोगो की करें मदद- अहसन मियां बिना ज़रुरत घर से न निकले । शासन की गाइड लाइन का करें पालन ।
1 min readसभी धर्म-सम्प्रदाय के लोगो की करें मदद- अहसन मियां
बिना ज़रुरत घर से न निकले । शासन की गाइड लाइन का करें पालन ।
बरेली, उत्तर प्रदेश।
कोरोना कहर जारी है । हमारे मुल्क़ के हालात बेहद नाज़ुक है । लाशों के ढेर है । अस्पतालों में जगह नही । ऑक्सीजन की किल्लत है । वहीं लोगो के पास रोज़गार नही । जैसी खबरें आ रही है वो दिल दहला देने वाली है । देश मे अफरा तफरी का माहोल है । सरकारी इंतेज़ाम नाकाफ़ी नज़र आ रहे है । अस्पतालों में जगह नही लोगो को इलाज नही मिल पा रहा । ज़िन्दगी (जीवन) और रोज़गार (जीविका) दोनों पर मुश्किल आ खड़ी हुई है । ये बात आज दरगाह आला हज़रत पर दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने कहते हुए कहा कि मज़हब-ए- इस्लाम ने हमे इंसानियत का पैगाम दिया । यही पैगाम अल्लाह के रसूल और हमारे खानदान के बुजुर्गों का था । बिना किसी मज़हबी भेदभाव इंसान की मदद करने का हुक़्म दिया गया । फिर चाहे वो इंसान हिन्दू हो या मुसलमान, सिक्ख या ईसाई । मेरे दादा आला हज़रत व मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द के पास जो भी मदद को आया उसकी उन्होंने बिना मज़हब (धर्म) जाने मदद की । यही इस्लाम की सही तस्वीर है ।
दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया की मुफ्ती अहसन मिया ने मुल्क़ भर के मुसलमानों के नाम खास अपील जारी करते हुए कहा कि हम इंसानियत के पैरोकार है । अपनो बुजुर्गों के बताए रास्तों पर चलते हुए हमें सबकी मदद करनी है । फिर चाहे मदद मांगने वाला हिन्दू हो,मुसलमान हो, सिक्ख हो या ईसाई हमें मदद को आगे बढ़ना है । बीमार और भूखों को हमारी ज़रूरत है । किसी के पास रुपये- पैसे है तो वो उससे मदद करे । जिसके पास राशन है राशन से मदद करे । कारोबारी अगर ऑक्सीजन, दवाई, राशन, सब्जी का कारोबार करते है ऐसे लोग जमाखोरी न करते हुए उनके मुनासिब दामों में ज़रूरतमंदों को मुहैय्या करा दे । यही दीन की सच्ची खिदमत होगी । हम मज़हब व हम वतन भाईयों को आज हमारी ज़रूरत है । सभी देशवासियों को आज दिखाने का वक़्त है कि जब-जब हमारे मुल्क में मुश्किल घड़ी आयी और हम सब कन्धे से कंधा मिलाकर ठीक उसी तरह खड़े रहे जैसे आज़ादी के वक़्त में । पिछले कुछ सालों में कुछ शर पसन्द लोगों ने हिन्दू-मुसलमान के बीच दरारें पैदा कर दी है, यह वक़्त उन दरारों को भरने और एक दूसरे के करीब आने का है । नफरत को मुहब्बत से ही जीता जा सकता है । हमारी छोटी सी मदद किसी के बड़े काम आ सकती है । हमारा वतन महफूज़ तो हम महफूज़ । आगे कहा कि लोग बिना ज़रूरत घरों से न निकले । बहुत ज़रूरी होने पर ही घरों से निकले । सेहत महकमा (स्वास्थ विभाग) की तरफ से दी गयी गाइड लाइन का पालन करे ।